सिल्ली के राहे में ‘गूंज’ की मातृ-पितृ और बिरसा आहार योजना, सुदेश बोले, ये पारिवारिक रिश्ता है

सिल्ली में गूंज महोत्सव को लेकर पूरे राज्य में ख्याति पाने वाली सामाजिक संस्था गूंज परिवार ने आज से विधानसभा क्षेत्र के राहे में मातृ-पितृ और बिरसा आहार योजना की शुरुआत की है. राहे के बदालू मैदान में इस योजना की शुरुआत करते हुए गूंज के संरक्षक और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने कहा कि गूंज ने गांवों के लोगों से रिश्ते को नजदीक और मजबूत किया है.

इस योजना के तहत बसंतपुर, बंसिया और दोवड़ू पंचायत के 1150 परिवारों को फिलहाल जोड़ा गया है. सरकारी व्यवस्था और योजना से जुड़ जाने तक असहाय परिवारों को मातृ-पितृ तथा बिरसा आहार योजना का लाभ मिलता रहेगा.

आहार योजना के तहत परिवार के एक सदस्य को 11 किलो चावल और एक से अधिक सदस्य रहने पर 25 किलो चावल दिया जा रहा है. जबकि मातृ-पितृ योजना के तहत लाचार और बेबस परिवार को छह सौ रुपए महीने दिए जाएंगे. यह योजना भी सरकार के सामाजिक सुरक्षा योजना से जुड़ जाने तक जारी रहेगी.

सुदेश कुमार महतो ने कहा कि गूंज परिवार ने बड़ी जिम्मेदारी ली है. और यह काम भले ही कठिन है, पर नामुमकिन नहीं है. उन्होंने कहा कि नाम के अनुरूप ये दोनों योजनाएं जरूरतमंदों की मददगार साबित होंगी.

उन्होंने कहा कि स योजना के शुरू होने से गांव के लोगों में खुशी और उत्साह है. गूंज परिवार के सदस्यों को इसका ही गुमान रहना चाहिए. वे सेवा भाव से गांवों के लोगों से जुड़े हैं.

इन योजनाओं के शुरू होने के लिए उन्होंने महिला समितियों, और पंचायत के प्रतिनिधियों का आभात प्रकट किया. कहा कि आपसी सहयोग से ही इस एकजुटता को सामने ला सके हैं.

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने खुद चावल की बोरियां उठाकर जरूरमंदों के बीच बांटे. साथ ही उन्होंने गांव के लोगों से इस अभियान को कारगर बनाने में आपसी समन्वय-संवाद के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया.

उन्होंने पंचायत के मुखिया और अन्य प्रतिनिधियों से इन मामलों में संवेदनशील होकर काम करने को कहा. उन्होंने कहा जनता का नुमाइंदा होने का मतलब होता है उनके बीच रहना. राजनीति में सेवा का भाव रखना अहमियत रखता है और विकास की बुनियाद पर राजनीति करना आपकी दृढ़ता जाहिर करता है.